नेक इंसान की कहानी – Best moral stories in hindi 2023

इस पोस्ट में हम आपको एक नेक इंसान की कहानी सुनाएंगे जिसमे ये पता चलता है की कैसे एक इंसान दिखावा करने की जगह सच में लोगो की भलाई करता है।

नेक इंसान की कहानी

नेक इंसान की कहानी में एक नदी किनारे एक बहुत सूंदर गांव था। वहाँ के  लोग भी बहुत अच्छे थे। सब मिलजुल कर रहते थे लोगो में एकता भी थी, और एक दूसरे की मदद भी करते थे। उस गांव में शंकर भगवान की एक बहुत सूंदर मंदिर था। उस मंदिर के एक पुजारी थे जो बहुत ही त्यागी और सच्चे भक्त थे।

वो प्रतिदिन मंदिर में पूजा करते थे और मंदिर का देख –  भाल भी करते थे। शंकर भगवान उस पुजारी पर हमेशा अपनी कृपा बनाये रखते थे। एक दिन उस पुजारी ने एक सपना देखा की शंकर भगवान उससे मंदिर में विद्वानों और धर्मात्मा लोगो की सभा बुलाने को कह रहे है।

पुजारी दूसरे दिन मंदिर में पूजा करने गया और पूजा करने के बाद ये खबर सारे गांव में फैला दिया की आज मंदिर में सभा लगने वाली है। लोगो ने जैसे ही खबर सुनी और कुछ ही घंटो में बहुत सारे लोग मंदिर में जमा हो गए। पुजारी ने सब लोग को अपने सपने के बारे में बताया ।

लोगो ने पंडित की बात सुन के चौक गए । और सब लोग ने शंकर जी को प्रणाम किया और प्रार्थना करने लगे की हे भगवान कोई अन्होनी मत होने देना। जब भगवान की आरती हो गई , घंटी बजना बंद हो गई , प्रसाद लोगो में बाट दी गयी और लोग अपने अपने घर जाने लगे तभी मंदिर में से एक अजीब सी चमक आने लगी।

जब पुजारी ने मंदिर के अंदर जाके देखा तो एक सोने के परात था , जो हीरे – मोती से भरे हुए थे। उस रत्न की चमकने से पुरे मंदिर में  रौशनी ही रौशनी फैल गयी थी। पुजारी ने जब उस परात को उठाया तो उसमे एक चिठ्ठी भी थी जिसमे लिखा हुआ था की जो सबसे सच्चा , दानी , पुण्यात्मा और दयालु होगा उसी के लिए ये शंकर भगवान का उपहार है।

पुजारी ने उस परात को उठाये और गांव के सब लोग को दिखाए और बोले की यहाँ प्रत्येक बुधवार को सभा लगेगी और मैं ये परात हर एक व्यक्ति के हाथ में दूंगा और जो लोग अपनी दयालु और पुण्यात्मा को साबित कर देगा तो ये परात उसका हो जायेगा।

यह खबर चारो ओर फ़ैल गया। खबर सुन के दूर- दूर से तपस्वी , दानी ,त्यागी और बड़े बड़े धर्मात्मा सब लोग मंदिर में आने लगे। एक आदमी बहुत सालों से एकादशी का व्रत कर रहा था।

तो उसने सोचा की मैं तो  इतने सालों से सच्चे मन से व्रत रखता हूँ, मैं तो एक सच्चा आदमी हूँ । भगवान का उपहार तो मुझे ही मिलने वाला हैं। ( ये कहानी है एक नेक दिल इंसान की )

उस आदमी ने मंदिर में गया ,भगवान को प्रणाम किया और वही बगल में खड़ा हो गया। पंडित जी ने हीरे- मोती से भरे परात उसके हाथ में रख दिया। और जैसे ही वो परात उसके हाथ में गया तो वह मिटटी का हो गया।

सब लोग उसका मुँह देखने लगे, और वह शर्मिंदा होकर घर चला गया ,क्योकि वह व्रत के नाम पर दिखावा कर रहा था। और जब पंडित के हाथ में वो परात आया तो  फिर से सोने का हो गया और हीरे – मोती चमकने लगे।

फिर एक दिन बहुत बड़ा आदमी ने उस मंदिर में भगवान का उपहार को लेने आये। उन्होंने कई जगहों पर स्कूल , वृद्धा आश्रम , मंदिर आदि बनवाये थे। और वो बहुत ही दानी थे , दान देने से लगभग अपना आधा कमाई दान में दे दिए थे। इसके वजह से लोग उनको दानी और बहुत बड़े लोग मानने लगे थे।

वो भी मंदिर के अंदर आये भगवान को प्रणाम किये और उनके हाथ में वो परात रखा गया , और जैसे ही वो परात उनके हाथ में गया तो मिटटी का हो गया। और वो भी लज्जित हो गए। क्योकि वो अपना नाम को बड़ा करने के लिए दान कर रहे थे। क्योकि नाम की इच्छा से होने वाला दान सच्चा दान नहीं होता है।

इस प्रकार रोज बहुत लोग आये लेकिन किसी ने उस सोने की परत को प् नहीं सका। सबके हाथो में पहुंच कर वह मिट्टी का हो जाता था। 5- 6 महीने बीत गए। इतने दिन में कितने लोग लोभ से मंदिर के पास ही दान- पुण्य करने लगे।

मंदिर के पुजारी ने एक नियम बनाया की हर सोमवार को जितने लोग मंदिर में दर्शन करने आएंगे उसके हाथ में यह सोने का परात रखा जायेगा।

एक दिन उस मंदिर में एक बूढ़ा किसान भगवान का दर्शन करने आया। वह बहुत गरीब था । वह केवल भगवान के दर्शन के लिए आया था।  वह मंदिर में जा ही रहा था तभी मंदिर के बाहर के एक आदमी को देखा और वो मंदिर के कुछ ही दुरी पर बैठा था।

वह एक आँख का अंधा और लाचार दिख रहा था। और भूख के मारे उसका बुरा हाल था। मंदिर में जितने लोग दर्शन करने आते थे उससे वो खाना मांगता था। लेकिन कोई उसे कुछ नहीं देता था।

बूढ़ा किसान ने उस आदमी को देखा तो उसे दया आ गयी। वो उसके पास गया और वही पर बैठ गया।  उसने अपने घर से पुराने कपडे में  थोड़ा  चना लाया था। वो अपना चना उस आदमी को खाने को दे दिया। वो आदमी चना खाकर अपना पेट भर लिया और बहुत खुश हुआ। 

उसके बाद बूढ़ा किसान ने मंदिर में दर्शन करने गया और भगवान का दर्शन करके बाहर निकला तो पंडित जी ने उसके हाथ में सोने का परात रख दिया। और जब वो परात उसके हाथ में गया तो हिरे – मोती दो गुने चमकने लगे।

सब लोग चौक गए की ये कैसे हो गया। तब पंडित जी ने कहा जो निर्लोभ है , दीनो पर दया करता है , जो दुखियो की सेवा करता है ,बिना किसी लोभ के दान करता है

उस पर भगवान भोले नाथ अपनी कृपा हमेशा बनाये रखते है और वही सच्चा पुण्यात्मा है इतना कहकर पंडित जी ने उस बूढ़े किसान से कहा की यह भोलेनाथ  का उपहार है। अब ये आपका हुआ। बूढ़ा किसान बहुत खुश हुआ और उसे लेकर अपने घर चला गया। यहाँ अब नेक इंसान की कहानी खत्म होती है।

सारांश: दोस्तों इस नेक इंसान की कहानी कहानी से ये सीख मिलती है की हमें दुसरो को दिखाने या खुद को बड़ा शाबित करने के लिए कोई नेक काम करने की जगह अपने दिल से लोगो की भलाई करना चाहिए। आपको नेक इंसान की कहानी कैसी लगी हमें जरूर बताये।

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2 thoughts on “नेक इंसान की कहानी – Best moral stories in hindi 2023”

  1. hi,
    friends mujhe stories chahiye hamare youtube channel ke liey , kya aap mujhe provide kara sakte hain ,jo copyright free story ho .
    please my Mob. 9575017985 par aap contact kar sakte hain .
    thank u

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