3 Best Ghost Story In Hindi – तीन भूतों की कहानियाँ

Ghost Story In Hindi. भूत हमेशा से लोगों को खौफनाक लगते हैं।  वे अदृश्य होते हैं लेकिन उनके वास्तविक होने का अहसास दिल में डरावनी तस्वीरें उत्पन्न करता है। भूतों की कहानियाँ हमारे जीवन में रोमांचक और भयानक पल उत्पन्न करती हैं।

भूत एक अद्भुत रहस्य है जो हमारी समझ से अत्यंत परे है। उनकी कहानियां आज भी लोगों को आकर्षित करती हैं और भयानक स्थिति को दर्शाती हैं। आज इस पोस्ट में आपको तीन भूतों की कहानियाँ (Ghost Story In Hindi) पढ़ने को मिलेगी।

1. भूत की कहानी

आज से बीस साल पहले की बात हैं यह कहानी मध्य प्रदेश के सागर जिले के साहेबगंज गांव की हैं। उस गांव में ज्यादा छोटे वर्ग के लोग रहते थे। गांव बहुत प्यारा था और वहाँ के लोग भी।

लेकिन उस गांव में एक ऐसी जगह हैं जहाँ रात को तो क्या? दिन में भी लोग जाने से डरते थे। लोगो का कहना था की इस जगह पर बहुत साल पहले एक बहुत ही दर्दनाक घटना घटी थी। इसलिए उस जगह को श्रापित माना जाता हैं।

एक दिन उस गांव में राजेश नाम का एक आदमी था। वह रहता तो था विदेश में, लेकिन कुछ दिन के लिए गांव में रहने आया था। उसकी नई नई शादी हुई थी। एक रात उसकी पत्नी के पेट में अचानक दर्द होने लगा।

रात के करीब 11:30 बज रहा था। राजेश अपना कार निकाला और अपने बीबी को लेकर अस्पताल चल दिया। रास्ता थोड़ा ख़राब था इसलिए राजेश गाड़ी धीरे चला रहा था। थोड़ा आगे जाने के बाद एक चौराहा आया और वही पर उसकी गाड़ी ख़राब हो गई। रात का समय का और रास्ता भी एकदम सुनसान था।

अगल-बगल कोई दिख भी नहीं रहा था की वो किसी से मदद मांग सके। राजेश कार से बाहर निकला और थोड़ा आगे जाकर किसी से मदद मांगने के लिए गया। वहाँ पर सिर्फ पांच-छः ही घर थे। और वो भी शुनशान, एक भी आदमी दिखाई नहीं दे रहा था ऐसा लग रहा था की यहाँ पर कोई रहता ही नहीं हैं।

उसने मदद के लिए एक आदमी का घर का दरवाजा खटखटाने लगा, लेकिन दरवाजा नहीं खुला। ऐसे ही लगातार उसने चार पांच घरों का दरवाजा खटखटाया, लेकिन किसी ने भी अपना दरवाजा नहीं खोला।

उधर गाड़ी में उसकी पत्नी दर्द से तड़प रही थी, फिर उसने गुस्से में चिल्लाकर बोला ये बस्ती वाले लोग कैसे हैं किसी की मदद भी नहीं करते हैं। तभी थोड़ी देर बाद एक बुजुर्ग आदमी धीरे से अपना दरवाजा खोला।

और उसके पास जाकर बोला – क्या हुआ बेटा तुम क्यों इतना परेशान हो। राजेश उस बूढ़े बाबा को अपनी परेशानी बताया, फिर आदमी बोला – इसमें मैं तुम्हारी कोई मदद नहीं कर सकता बेटा, वैसे भी मैं अकेले रहता हूँ।

अगर मैं कोई मदद कर सकता तो जरूर करता, तुम किसी और से मदद मांग लो। इतना कहकर उसने अपना दरवाजा बंद कर लिया। राजेश उस आदमी की बात सुन कर उदास हो गया।

लेकिन वह हिम्मत नहीं हारा फिर दुबारा उसने किसी दूसरे का दरवाजा खटखटाया। ऐसा वो चार पांच लोगो का दरवाजा खटखटाया लेकिन किसी ने भी दरवाजा नहीं खोला।

राजेश गुस्से में चीलाकर बोलने लगा की यहाँ के कैसे लोग हैं किसी की मदद नहीं करते हैं। लेकिन किसी का कोई जवाब नहीं आया। फिर वो उदास होकर एक चबूतरे पर बैठ गया। थोड़ी देर बाद एक दरवाजा खुला।

राहुल ख़ुश हो गया और दौड़ के उस दरवाजे के पास गया तो देखा की वहाँ एक बूढ़ी औरत खड़ी थी। वो उसको देख कर बोली – बेटा तुम इतनी रात को यहाँ क्या कर रहे हो? राजेश उस औरत को अपना सारा किस्सा सुनाया, तो उस औरत ने कहा – तुम्हे अब चिंता करने की जरुरत नहीं हैं, मैं तुम्हारी मदद करुँगी।

पिछले बीस साल से मैं नर्स का काम करती थी, अब बूढ़ी हो गई हूँ इसलिए काम छोड़ दी हूँ। जाओ और जल्दी से अपनी पत्नी को यहाँ ले आओ। राजेश दौड़ कर गया और अपनी पत्नी को ले आया।

उस औरत ने नेहा का नाभि देखा और राजेश को कुछ दवाइयां लाने को कहा। अब राजेश दवाइयां लेने गया लेकिन वहाँ उस सुनसान इलाके में कोई भी दवाई की दुकान नहीं दिखी।

राजेश लगभग दो घंटे से दवाई की दुकान ढूंढ़ कर थक गया लेकिन कही भी उसको दुकान नहीं दिखी। आखिरी में वो निराश होकर वापस उस औरत के पास आ गया।

जब वो वहाँ पंहुचा और उस बूढ़ी औरत के कमरे की ओर देखा तो चौक गया। उसने देखा की उस कमरे के दरवाजे पर तो ताला लगा हुआ हैं। वो एकदम घबरा गया ओर आस पड़ोस के रहने वाले लोगों को चिल्ला चिल्लाकर जगा दिया।

और उससे पूछा की अभी थोड़ी देर पहले इस कमरे में एक बुढ़ि औरत थी, अपने बीमार पत्नी को उनके पास छोड़ कर दवाई लेने के लिए गया था, और जब मैं वापस आया तो देखा की यहाँ पर ताला लगा हुआ हैं।

क्या आपलोगों को पता हैं की वो कहा गई। राजेश की ये बात सुन कर वहाँ पर मौजूद सारे लोग घबरा गए। और फिर बोले की ऐसा हो ही नहीं सकता क्योंकि कई साल पहले वो औरत मर चुकी हैं।

लोगो की बाते सुनकर राजेश को घबराहट होने लगी और वह बिलख बिलख कर रोने लगा। फिर उसने पत्थर मार मार कर ताला तोड़ा और फिर अंदर गया। अंदर गया तो देखा की उसकी पत्नी मर चुकी थी।

उसको देख कर राजेश चिल्लाकर रोने लगा। तभी वो बूढ़ी औरत भूत बनकर उसके सामने आयी और बोलने लगी – कई साल पहले मैं भी तुम्हारे जैसे चिल्ला चिल्लाकर मदद मांग रही थी जब कुछ गुंडों ने मेरी बेटी को उठा कर ले जा रहे थे।

इस बस्ती के एक भी इंसान ने मेरी मदद नहीं की। और मैं अपने बेटी के वियोग में तड़प तड़प कर मर गई। और तब से लेकर आज तक यहाँ कोई किसी की मदद नहीं करता हैं और ना ही करेगा।

और अगर तूने कुछ चालाकी किया तो तेरी भी जान जाएगी जैसे तेरी पत्नी की गई हैं। इतना बोल कर वो वहाँ से विलुप्त हो गई। राजेश उसकी बात सुन कर वहाँ से रोता हुआ अपनी पत्नी की लास लेकर वापस अपने घर की ओर चला गया। (Ghost Story In Hindi)

 

2. भूतिया लास (Ghost Story In Hindi)

बहुत पहले की बात हैं सलीमपुर नाम का एक गांव था उस गांव में जगदीश नाम का एक आदमी रहता था। उसका एक पांच साल का लड़का था और वह एक बहुत ही ख़तरनाक बीमारी से जूझ रहा था।

उस समय गांव में अस्पताल की सुविधा बहुत कम हुआ करती थी, लेकिन जैसे तैसे करके उसका इलाज किया गया। और काफ़ी इलाज के करने के बाद भी वो जिन्दा नहीं बच सका। रात में उसकी मौत होने से दूसरे दिन सुबह ही उसका अंतिम संस्कार करने का निर्णय किया गया।

उसी रात को बगल के गांव में सोहन नाम के एक आदमी की कुए में गिरने से मौत हो गई थी। उसके घरवाले ने उसी समय उसका अंतिम संस्कार कर दिया और उसकी आत्मा इधर उधर भटकने लगी।

दूसरी तरफ जब सलीमपुर में उस मृत बच्चे की दफन करने के लिए जंगल की ओर जाने लगे, तभी उस बच्चे के शरीर में अजीब सी हलचल होने लगी, और वो उठकर खड़ा हो गया। ये सब देख कर सारे गांव वाले दंग रह गए और खुशी के मारे झूमने लगे।

लेकिन लोगो को ये नहीं पता था की उस बच्चे के शरीर को किसी और आत्मा ने जकड़ रखा था। उस तीन साल के बच्चे में बीस साल के सोहन की आत्मा घुस चुकी थी।

गांव वालो ने ख़ुशी खुशी उसे घर लेकर आये लेकिन वो बच्चा अपने घर आकर बहुत परेशान सा हो रहा था। और एक दम चुप-चाप रहता था। जब उसके घर वाले उसको खाना देते तो मना कर देता था, और किसी से अच्छे बात नहीं करता था। बहुत कोशिश करने के बाद थोड़ा सा खाना खा लेता था।

एक दिन वो बच्चा अपने पिताजी के साथ बाजार जा रहा था। तभी थोड़ी देर बाद अचानक उस बच्चे को वो कुआ दिखाई दिया, जहाँ सोहन की मौत हुई थी। उस बच्चे ने अपने पापा से इशारा करते हुए बताया की ये मेरा घर हैं और ये कुआ भी। (Ghost Story In Hindi)

उसके पापा बोले नहीं बेटा ये हमारा घर नहीं हैं, हमारा घर तो उधर हैं। इतना कहकर वो उसको लेकर बाजार में चले गए। बाजार में चंदू नाम का एक आदमी मिला, जो सोहन के गांव का था। बच्चा जब चंदू को देखा तो उसका नाम लेकर जोर से चिल्लाया। चंदू दंग रह गया की ये इतना छोटा सा लकड़ा मेरा नाम कैसे जानता हैं।

वो उसके पास गया और उस बच्चे से पूछा की तुम मेरा नाम कैसे जानते हो। तब वो बच्चा सारा बात बताया, और बोला की जब मैं कुए में गिरा तो मेरी मौत नहीं हुइ थी मैं जिन्दा था मेरी सांसे चल रही थी। और तुमलोगों ने मुझे जाला दिया।

मेरी आत्मा इधर उधर भटक रही थी। तभी मैं इस बच्चे के लास को जाते हुए देखा और इसके शरीर में चला गया और तब से इसके साथ रहने लगा। दूसरे दिन चंदू अपने गांव में ये बात को फैला दिया की सोहन मरा नहीं बल्कि जिन्दा हैं।

ये बात सुनकर सोहन के पुरे परिवार बहुत ख़ुश हुए और उससे मिलने चले आये। उस बच्चे ने अपने परिवार के एक एक व्यक्ति को पहचान लिया और वह अपने परिवार के साथ अपने गांव वापस चला गया।

3. दुल्हन के रूप में आई भूतनी (Ghost Story In Hindi)

हर व्यक्ति की चाहत होती हैं की उसकी शादी हो और उसे एक खूबसूरत दुल्हन मिले। लेकिन घूँघट उठाते ही यह पता चले की जिसे दुल्हन बनाकर लाये हैं वो लड़की नहीं कोई भूतनी हैं, तो सोचिये क्या गुजरेगी उस व्यक्ति पर।

ऐसी ही बहुत साल पहले की एक पुरानी घटना हैं। गांव की। उस गांव में एक सुदामा नाम का आदमी रहता था। उसका एक गिलू नाम का नवजवान लड़का था, जिसका उम्र लगभग 25 साल का था। सुदामा ने सोचा की अब मुझे मेरे लड़के की शादी कर देनी  चाहिए।

फिर उसने एक बहुत सुन्दर लड़की ढूंढी, और एक अच्छा सा मुहूर्त देख कर दोनों की शादी करवा दिया। गिलू अपने दुल्हन को लेकर घर वापस आ रहा था।

और पहले के जमाने में दुल्हन अपने ससुराल डोली में बैठ कर आती थी। गर्मी का दिन था और दोपहर के एक बज रहे थे। डोली लेके चलने वाले बुरी तरह से ठक चुके थे। और प्यास से उनलोगों का गला सूखा जा रहा था।

रास्ते में उन्होंने एक घने पीपल के पेड़ के निचे डोली को रोक दिया और पानी पीकर थोड़ा डरे वही आराम करने लगे। आराम करते करते उन्हें कब नींद आ गई कुछ पता नहीं चला। जिस पेड़ के निचे डोली रखी हुई थी वो भूतिया पेड़ था

फिर क्या था, जब चुड़ैल ने पेड़ के ऊपर से देखा की एक बहुत सुंदर लड़की डोली में बैठी हैं। अब मैं इसको अपना शिकार तो जरूर बनाउंगी। और फिर चुड़ैल ने उस दुल्हन को मार दिया और उसके शरीर पर कब्जा कर लिया।

करीब 1 घंटे बाद जब वो लोग का नींद खुली तो डोली लेके आगे बढ़ गए। उनमे से किसी ने इस घटना को समझ नहीं पाया। और थोड़ी ही देर में दुल्हन की डोली ससुराल आ गई। रात के समय जब गिलू अपने कमरे में पंहुचा, और दुल्हन का घूँघट उठाकर उसका चेहरा देखने का सोचा।

तभी उसे बहुत जोर से प्यास लगी। लेकिन कमरे में रखे गिलास और जग में पानी नहीं था। उसने बाहर से पानी लेने जाने लगा। तभी उसकी दुल्हन बोली, रुक जाइये मैं आपके लिए पानी लेकर आती हूँ।

फिर उसने बैठे बैठे अपना हाथ बढ़ाकर कुए से पानी भर लायी। यह देख कर गिलू बेहोश हो गया। थोड़ी देर बाद जब उसे होश आया तो देखा की दुल्हन के रूप में यह एक डरावनी भूतनी चुड़ैल हैं।

फिर चुड़ैल ने उसने कहा की सुनो, डरो मत मैं, तुम्हे कुछ नहीं करुँगी। तुमने मेरा राज़ जान लिया हैं, अब मैं तुम्हारे पास नहीं रह सकती हूँ।

अगर मैं तुम्हारे पास रहूंगी तो शायद तुम्हे भी जान से मार डालूंगी। इतना कह कर वो चुड़ैल वापस अपने स्थान पे चली गई। सुबह तक ये बात पूरे गांव में आग की तरह फ़ैल गई। तब से उस गांव में किसी भी दुल्हन की डोली आती थी, तो वो लोग डोली को जमीन में नहीं रखते थे।


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