यह कहानी है ( chor ki dadhi mein tinka ) चोर की दाढ़ी में तिनका के बारे में। जब कोई व्यक्ति चोरी करता है तो उसके मन में हमेशा ही एक भय बना रहता है, की कही वो पकड़ा न जाये।
उसका व्यव्हार बदलने लगता है। कई बार अपनी गलती को छुपाने के लिए वो ऐसी हरकत कर बैठता है जिससे जिससे उसकी गलती खुद ही सामने आ जाती है।
कहानी – राजा और चोर
एक बार की बात है एक बहुत बड़ा राज्य था वहां पे राजा का बहुत ही आलीशान महल बना हुआ था। एक दिन सुबह जब राजा स्नान करने गया फिर वापस आया तो देखा उसके एक बेसकीमती अंगूठी गयाब हो गई है।
राजा ने पहरेदारो को बुलया और पता लगाने को कहा की उस समय वहां पे कौन कौन गया था। पहरेदारो जल्द ही पता लगा लिया। उस समय वहां पे धोबी, नाई, सफाई कर्मचारी, कुछ उसके नौकर ऐसे ही कुछ और लोग थे।
उनमे से ये पता करना मुश्किल था की अंगूठी किसने ली है, क्यों की वहां सभी पुराने और वफादार लोग ही थे। राजा जानते थे की चोर इन्ही लोगो में से एक है पर राजा ये नहीं चाहते थे की किसी निर्दोष को सजा मिले।
इसलिए राजा ने मंत्री को बुलाया और चोर का पता लगाने को कहा। मंत्री बहुत ही समझदार था। मंत्री ने सभी को एक कमरे में लाइन में खड़ा कर दिया और खुद राजा के पास जा के बैठ गया।
फिर राजा ने मंत्री से पूछा क्या चोर इन्ही में से कोई है मंत्री ने तुरंत जवाब दिया है इसका पता अभी लग जायेगा। राजा ने मंत्री से पुछा वो कैसे। मंत्री ने कहा महाराज चोर को तो मै पहचान गया हु उसके दाढ़ी में तिनका लगा हुआ है ( chor ki dadhi mein tinka )
राजा ने कहा तो बताओ चोर कौन है, मंत्री अपने कुर्सी से खड़ा हुआ और सफाई कर्मचारी को पकड़ के लाया और राजा से कहा महाराज ये ही चोर है।
राजा को बड़ा आश्चर्य हुआ। उन्होंने ने मंत्री से पुछा की तुम ये कैसे कह सकते हो की ये ही चोर है। इसके दाढ़ी में तो तिनका लगा हुआ दिखा नहीं देता।
इस पर मंत्री ने कहा महाराज जब मैंने आपसे कहा की चोर की दाढ़ी में तिनका लगा हुआ है तब सब शांत अपने जगह पे खड़े रहे, बस यह व्यक्ति ही मेरा कहना सुच मन कर, मुँह घुमा के अपनी दाढ़ी टटोलने लगा था। तभी मै समझ गया यही चोर है।
राजा के सख्ती से पूछने पे सफाई कर्मचारी ने अपना गुनाह कुबूल किया, राजा ने उसे सजा दी। तभी से ये कहावत हो गई की चोर की दाढ़ी में तिनका।
मुहावरे का अर्थ : चोर की दाढ़ी में तिनका। chor ki dadhi mein tinka
“चोर की दाढ़ी में तिनका” एक प्रसिद्ध हिंदी मुहावरा है जो एक गहरी परिस्थिति को दर्शाता है। यह मुहावरा उपयोग में आता है जब कोई व्यक्ति अपनी स्थिति को छिपाने की कोशिश करता है, लेकिन वह आखिरकार खुलासा हो जाता है और उसकी सच्चाई सामने आती है।
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