Best Story kabhi kabhi chup rahna chahiye 2023 – कभी-कभी चुप भी रहना चाहिए

कहते है की चुप रहना सौ बला को टाल सकता है। इसलिए कहा जाता है की  kabhi kabi chup rahna chahiye चुप रहने से ही अपने अंदर के गुस्से पे काबू पाया जा सकता है।

इस पूरी दुनिया में क्रोध मनुष्य का सबसे बड़ा दुश्मन होता है, क्रोध से मनुष्य अपना आपा खो देता है, और ऐसे – ऐसे काम कर देता है, जिस काम को करने के बारे में सोचा भी नहीं जा सकता।

गुस्से में अधिकतर मनुष्य अपना ही नुकसान कर लेता है, और गुस्सा शांत होने के बाद पछताने के सिवा कुछ नहीं बचता। इसलिए कहा जाता है की कभी-कभी चुप भी रहना चाहिए ( kabhi kabi chup rahna chahiye ) क्रोध के समय तो मनुष्य को हमेशा शांत ही रहना चाहिए। इसलिए हर इंसान को चाहिए की वो क्रोध के समय धैर्य और शांति से काम ले।

एक चुप सौ बाला को टाल सकता है कहानी।

एक गांव में पति पत्नी रहा करते थे। उन दोनों में हमेसा लड़ाई – झगड़ा होता था। छोटी – छोटी बातो पे अक्सर बहस होती रहती थी। और सिर्फ एक दूसरे पे दोष दिया करते की तुमने ऐसा किया तुमने ऐसा किया,  इसका असर ये होता था की दोनों अपने क्रोध के कारण बिना खाये सो जाते। कई दिन बीत जाते पर उनमे बात नहीं होती। इस कारण घर का मौहोल भी बेकार रहता, हमेसा अशांति ही बनी रहती।

एक दिन गांव में एक गुरूजी आये, और वो बाबा भोजन करने उन पति पत्नी के घर पहुंच गए। दोनों ने गुरूजी का बहुत आदर सत्कार किया पर पति पत्नी एक दूसरे से बात करते नहीं दिखे तो गुरु जी समझ गए की कुछ बात है।

जब पत्नी गुरु जी को भोजन कराने लगी तो पति घर से बाहर निकल गया, इस बात पे गुरु जी ने पत्नी से पूछ लिया की जब से मैं यहाँ आया हु तुम दोनों को आपस में बात करते हुए नहीं देखा, कोई बात है तो मुझे बताओ।

इस पर पत्नी रोते हुए बोली गुरु जी, मेरे पति हमेसा मुझसे झगड़ा करते है, बात – बात पे मेरी गलतिया निकालते है, घर का माहोल हमेसा ख़राब रहता है, इनसे शादी कर के मेरी जिंदगी नर्क बन चुकी है मुझे तो समझ में ही नहीं आता मैं क्या करू।

गुरु जी मुस्कुरा दिए और बोले बस इतनी सी बात के लिए तुम इतना परेशान हो रही हो। चिंता मत करो मेरे पास एक ऐसी दवाई है । जिससे तुम्हारा पति तुमसे कभी झगड़ा नहीं करेगा। तुम एक शीशी ले आओ मैं उसमे तुम्हे दवाई दे दूंगा।

kabhi kabhi chup rahna chahiye.

पत्नी एक शीशी अंदर से ले के आयी, और गुरु जी ने अपने झोले से एक शीशी निकला और उस शीशी से 2 बूँद पानी में मिला के उस औरत को दे दिया, उसमे से बहुत अच्छी खुशबु आ रही थी।

फिर गुरु जी ने कहा देखो अगली बार जब भी तुम्हारा पति तुमसे झगड़ा करे तो तुम इस दवाई को अपने मुँह में रख लेना, कुछ बोलना नहीं, और जब तुम्हारा पति शांत हो जाये तो इस दवाई के बहार थूक देना इसे पीना नहीं।

इसके बाद गुरु जी वहां से चले गए, कुछ दिनों के बाद जब गुरु जी वापस उनके घर आये तो, उन्होंने देखा की पति – पत्नी दोनों ही गुरु जी की सेवा में एक साथ लगे हुए थे, और दोनों एक दूसरे की मदद कर रहे थे। दोनों के अंदर एक दूसरे के प्रति प्रेम भावना दिख रही थी।

किसी काम से पति कुछ देर के लिए घर से भर गया तो, पत्नी गुरु जी के चरणों में गिर गई, और बोली गुरु जी आपके द्वारा दी गई दवाई अद्भुत है उसने अपना काम कर दिया, अब मेरे पति मुझसे बिलकुल भी झगड़ा नहीं करते, बल्कि वो अब मेरा बहुत ज्यादा ख्याल रखते है, यह अद्भुत दवाई मुझे और दे दीजिये।

गुरु जी मुस्कुराये और बोले बेटी, वह दवाई मेरे शीशी के अंदर नहीं, बल्कि तुम्हारे मौन रहने के अंदर है। क्रोध आग के समान होता है आग में अगर ईंधन न डाला जाये तो वो अपने आप शांत हो जाता है।

उसी प्रकार क्रोध में जो कहा जाये तो उसका जवाब न देने पर क्रोध भी शांत हो जाता है। गुरु जी ने फिर कहा मैंने तो उस पानी में बस गुलाब जल डाला था, और तुम्हे इसलिए मुँह में रखने को कहा, क्यों की जब तुम्हारा पति तुमसे झगड़ा करे तो तुम उसका जवाब ना दे सको। और जवाब ना मिलने पे तुम्हारे पति का भी ग़ुस्सा शांत हो जाये। इसलिए हमें कभी – कभी chup rahna chahiye.

 

सारांश : दोस्तों rshindi द्वारा बताई गई इस कहानी से हमें ये  सीख मिलती है की कभी भी सामने वाला अगर  गुस्सा करता तो  हमें कुछ समय के लिए शांत रहना चाहिए (chup rahna chahiye ), इससे  सामने वाला भी कुछ देर में शांत हो जायेगा । अगर हम भी गुस्से का जवाब गुस्से से देंगे तो वो और बढ़ता चला जायेगा। और हमारे रिस्तो में कड़वाहट आ जाएगी।

आप हमें Facebook पे भी follow कर सकते है।

Leave a Comment