Dusro Me Kamiya Nikalna – दूसरो में कमिया निकलना – Best Story 2023

Dusro Me Kamiya Nikalna. जब कोई व्यक्ति दूसरों के काम या कृतियों में दोष निकालता है या उनकी कमियों को उजागर करता है। तो यह आमतौर पर एक नकारात्मक सोच का परिणाम होता है जो दूसरों के साथ व्यवहार करते समय दिखाया जाता है।

इस व्यवहार का परिणाम यह होता है कि लोग दूसरों से दूर रहने लगते हैं। इससे संबंधों में असंतोष और आपसी असहमति भी हो सकती है।

इसके विपरीत, एक सकारात्मक सोच वाले व्यक्ति दूसरों को सहायता देते हैं, उन्हें प्रोत्साहित करते हैं और उन्हें अपने जीवन में एक अच्छा उदाहरण प्रस्तुत करते हैं। वे दूसरों को उनकी गलतियों से सिखाते है, और उन्हें एक सही दिशा में ले जाने में मदद करते हैं।

इसलिए, हमें दूसरों के काम में कमी निकालने की जगह, उन्हें सहायता करना चाहिए जब हम उनकी समस्याओं का समाधान कर सकते हैं। दूसरों को सहायता देने से हम उनके विश्वास को जीतते हैं और उन्हें एक सही दिशा में ले जाने में मदद करते हैं। इससे हमारा संबंध और मजबूत होता है जो एक स्वस्थ और सकारात्मक समाज के लिए आवश्यक होता है।

दूसरों के काम में कमी निकालना उन लोगों के लिए हानिकारक होता है जो इससे प्रभावित होते हैं। यह उनकी समस्याओं का समाधान नहीं करता है, बल्कि उन्हें निराश करता है और उन्हें विवेकशील बनाता है।

इसलिए, हमें दूसरों के साथ सहयोग और सहभागिता करनी चाहिए, उन्हें उनकी क्षमताओं और योग्यताओं को उनकी स्थानीय प्रशंसा के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। इससे हम स्वयं को और अपने संबंधों को सकारात्मक बनाएंगे और उन्हें भी सकारात्मक बनाएंगे।

कहानी – Dusro Me Kamiya Nikalna – दूसरो में कमिया निकलना

Dusro Me Kamiya Nikalna की कहानी में, एक किसान अपनी पत्नी के साथ अपने गावं में रहता था। दोनों ही बहुत मेहनती थे, किसान खेतो में बहुत ही मेहनत करता था जिससे उसकी अच्छी फसल होती थी। किसान की बीबी भी घर में दिन भर काम करती थी।

अपने बच्चो और अपने घर का बहुत ध्यान रखती थी। किसान के अंदर बस एक ही कमी थी वो हमेशा दुसरो के काम में कमिया निकलता रहता था। वो अपनी पत्नी को भी थोड़ी थोड़ी बातो पे सुना दिया करता था।

इस कारन उन दोनों में नोकझोक हो जाती थी। एक दिन किसान अपनी पत्नी के काम से खुश नहीं था। और पत्नी को सुनाने लगा। तुम अब आलसी हो गई हो, अच्छे से काम नहीं करती हो। किसी भी काम को करने में कितना ज्यादा समय लगा देती हो।

रोज रोज की ऐसी बाते सुनकर किसान की पत्नी नाराज हो गई। उसने किसान  से कहा की। अगर मैं घर का काम सही से नहीं करती तो तुम ही घर का काम कर लो, मै खेत का काम कर लुंगी। फिर तुम्हे पता चलेगा मेरा काम कितना मुश्किल है।

अपनी पत्नी के मुँह से ऐसी बाते सुनकर किसान को हसी आ गई। और उसने कहा खेत का काम तुम नहीं कर पाओगी। खेती का काम बहुत मुश्किल है। किसान की पत्नी ने कहा घर का काम भी इतना आसान नहीं।

सुबह उठ के सबके लिए खाना बनाना, गाय को खाना देना, उसका दूध निकलना। फिर सारे कपडे धोना, बर्तन धोना। मुर्गियों का ध्यान रखना। घर की साफ़ सफाई करना, और सूत कातना ये सब भी इतना आसान नही है।

किसान की पत्नी ने कहा  एक दिन तो आप घर का काम कर के देखो आपको पता चल जायेगा घर का काम कितना आसान है।

अगर मैंने सही से काम नहीं किया तो मै आपकी बात से सहमत रहूंगी। की मै सही से काम नहीं करती। और अगर आप घर का काम नहीं कर पाए तो मेरे काम में कमिया निकलना बंद कर देना। 

किसान अपनी पत्नी की बात सुनकर राजी हो गया। अगले दिन किसान की पत्नी खेत पे काम करने चली गई और किसान घर का काम करने लगा। उसने खाना बनाया। बच्चो को तैयार कर के स्कूल भेजा।(Dusro Me Kamiya Nikalna)

फिर गाय को चारा दिया वहां की सफाई की, गाय का दूध निकला। बर्तन और कपडे धोये इतने सब में वो थक गया और आराम करने लगा। फिर उसे याद आया घर की सफाई भी बची है मुर्गियों को भी देखना है।

वह फिर काम चालू कर दिया उसे काम करते करते सुबह से शाम हो गई। उसे इन सब कामो में ही इतना समय लग गया था की वो भूल ही गया था बच्चो को स्कूल से लेने भी जाना है। उस दिन शाम को उसके बच्चे अकेले ही स्कूल से घर आये।

फिर जब कुछ ही देर में उसकी पत्नी घर आई तो देखि किसान का सिर शर्म से झुका हुआ है, उसकी पत्नी को ये समझते देरी नहीं लगी की, किसान को उसकी गलतियों का अहसास हो गया है। उस दिन के बाद से किसान ने ना ही अपने पत्नी के काम में कोई कमी निकली और ना ही किसी दूसरे के काम में।

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