कमरा नंबर – 408 | Kamra Number 408 | Best Horror Story In Hindi 2022

यह कहानी है होटल 🏨 के भूतिया 👻 कमरा नंबर – 408 (Kamra Number 408) की। यह होटल भूतो का होटल तो नही था। पर इस होटल मे कुछ ऐसी घटनाएं होती थी जिसके कारण यह दूसरे होटलो से अलग था।

कहानी की शुरूवात कुछ ऐसे है की राहुल और उसका दोस्त अमित घूमने के लिए मनाली जा रहे थे। मनाली पहुचते ही वे सबसे पहले अपनी कार 🚘 से उस होटल मे गये जहाँ उन्होंने कमरा बुक किया था।

कमरा नंबर – 408 (Kamra Number 408)

वहाँ थोड़ा आराम करने के बाद वो दोनो घूमने निकल गये। रात होने के बाद जब वो वापस अपने होटल जा रहे थे तभी खराब मौसम के कारण होटल जाने का रास्ता बंद हो गया था। रास्ते को सही होने मे सुबह तक का समय लगने वाला था।

राहुल और अमित ने सोचा कि अपने होटल तो आज रात जा नही सकते इसलिए यही आस – पास मे किसी होटल मे एक रात के लिए कमरा बुक कर लिया जाये और सुबह होते ही अपने होटल चले जाएंगे।

वो दोनो कमरे की तलाश मे अपनी कार से इधर – उधर होटल ढूंढने ललगे आस पास कोई इंसान भी नही दिख रहा था जिससे वो लोग किसी होटल का रास्ता पूछ सके। काफी समय बीत जाने के बाद उन लोगो को एक बुड्ढा आदमी दिखा।

राहुल ने अपनी कार रोक कर उससे होटल का रास्ता पूछा। बुड्ढे ने एक ओर ईसारा करते हुए होटल का रास्ता बताया। राहुल बुड्ढे के बताये हुए रास्ते के तरफ अपनी कार ले के चल दिया। कुछ दूर चलने के बाद उन लोगो को एक होटल दिखाई दिया। राहुल और अमित ने चैन की साँस ली और होटल के अंदर चले गये।

होटल के अंदर जा के उन्होंने काउंटर पर खड़े आदमी से रात भर रुकने के लिए एक कमरा मांगा। उस आदमी ने होटल के कुछ नियम बताये और एक कमरे की चाभी राहुल को दे दी।

राहुल और अमित चाभी ले के कमरे की ओर चल दिय। चाभी पर कमरे का नंबर लिखा था, Kamra Number 408. राहुल और अमित चाभी ले के कमरे की ओर चल दिये।

होटल मे हर मंजिल पे चहल – पहल थी। इन दोनों का कमरा चौथे मंजिल पे था। वो मंजिल बिल्कुल सुनसान थी। खैर वे लोग इस बात पर ज्यादा ध्यान नही दिये उन्हे तो यहा बस एक रात ही गुजारनी थी इसलिए वे लोग अपने कमरे के अंदर चले गये।

अंदर पहुच के उन्होंने देखा की ये उस कमरे मे तो काफी धूल है ऐसा लग रहा था जैसे कई सालो से वो कमरा बंद पडा हुआ है। वहा ना तो पीने का पानी था ना ही नहाने का।

राहुल ने वहा पे रखे फोन से होटल के स्टाफ को कॉल किया कॉल किसी ने उठाया पर कुछ बोला नही डरवानी सी हंसी के बाद कॉल कट गया

उसके तुरंत बाद ही वापस उसी फोन पे कॉल आया इस बार होटल के स्टाफ ने कहा, सर अपने कॉल किया था बताइये हम आपकी क्या मदद कर सकते है। राहुल ने जवाब दिया आपने हमे ये कैसा कमरा दिया है ना ही यहा पीने का पानी है और ना ही नहाने का।

चारो तरफ सिर्फ धूल ही धूल है आप जल्दी से यहा आइये और ये सब सही करवाइये। स्टाफ ने इस बात की माफी मांगी और कमरे का नंबर पूछा राहुल ने जवाब दिया Kamra Number 408। इतना सुनते ही स्टाफ की डर गया।

और डरते हुए राहुल से पूछा सर आप उस कमरे मे क्या कर रहे रहे है। राहुल ने चिल्लाते हुए कहा ये क्या मज़ाक चल रहा। आप लोगो ने ही तो मुझे इस कमरे की चाभी दी थी।

स्टाफ सहमी आवाज मे बोला सर जितना जल्दी से जल्दी हो सके आप उस कमरे से बाहर निकलिए और नीचे आइये। राहुल ने पूछा पर क्यो ? स्टाफ ने तुरन्त जवाब दिया सर सवाल बाद मे पूछ लेना बस अभी आप वहा से बाहर निकल जाइयेजाइये वहा आपकी जान को खतरा है।

इतना सुनते ही राहुल और अमित कॉल कट करके कमरे से बाहर निकलने के लिए दरवाजे की तरफ जाने लगे। तभी किसी ने दरवाजा खटखटाया राहुल ने पूछा कौन है पर बार बार पूछने पे भी कुछ आवाज नही आई।

तभी उस रूम की लाइट चली गई। राहुल और अमित अब समझ गये थे की ये भूत प्रेत का मामला है वो दोनों काफी डर चुके थे। तभी बाहर से आवाज आई सर आपने कॉल किया था सफाई और पानी के लिए मै वही ठीक करने आया हूं।

और फिर डरवानी सी हसी के फिर से सन्नाटा छा गया। तभी फिर से कमरे मे रखे फोन पर कॉल आया। राहुल ने कॉल उठाया, कॉल स्टाफ का था उसने कहा सर अभी तक आप उस कमरे से निकले क्यो नही ?

राहुल ने जवाब दिया नही, कमरे के बाहर एक होटल का स्टाफ आया है जो कह रहा है की वो सफाई और पानी ठीक करने आया है। इतना सुनते ही होटल के स्टाफ ने राहुल से बोला सर कुछ भी हो जाये आप दरवाजा मत खोलना,

अगर आपने दरवाजा खोला तो आपकी मौत भी हो सकती है। ये सुनते ही राहुल और अमित दोनों बहुत डर गये। फिर स्टाफ ने कहा सर आप अंदर ही रहिये हमलोग आपको बचाने ऊपर आते है।

कुछ देर बाद कमरे के बाहर से आवाज आई सर हम लोग आ गये है आप दरवाजा खोलिए, साथ मे कुछ और लोगो की भी आवाज आ रही थी इसलिए राहुल और अमित ने दरवाजा खोल दिया। उन्होंने देखा सामने सच मे होटल 🏨 का स्टाफ ही था। दोनों ने चैन की साँस ली।

फिर सभी लोग वहा से जल्दी ही नीचे आ गये। राहुल ने काउंटर पर देखा पर वहा पर कोई दूसरा स्टाफ था, जिसने राहुल को चाभी दी थी वो कही नही दिखा। ये सारी बाते राहुल ने वहा के लोगो को बताइ।

उन लोगो ने राहुल से कहा सर आपको जिसने चाभी दी थी वो भी पहले इसी होटल मे काम करता था, पर अचानक से एक दिन कमरा नंबर – 408 (Kamra Number 408) मे रहस्यमई तरीके से उसकी मौत हो गई

तब से उसकी आत्मा इसी होटल मे रहती है। पर वो बस उन लोगो को ही परेशान करती है जो 408 कमरे के पास जाते है पता नही आज आप लोगों को वो कैसे उस कमरे तक ले गई। राहुल और अमित अब सारी बाते समझ चुके थे। जैसे तैसे उन्होंने वहा रात गुजरी और सुबह होते ही अपने होटल की ओर चल दिये।


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