मेहनत का फल हमेशा मीठा होता है | Mehnat Ka Fal Mitha Hota Hai | Best Story 2023

यह कहानी है Mehnat Ka Fal ( मेहनत का फल ) की जो व्यक्ति कड़ी मेहनत करके अपने काम को स्वयं करता हैं, वह व्यक्ति जीवन में हमेशा सुखी रहता हैं और सम्पन होता हैं। आलसी तथा दूसरों के भरोसे रहनेवाला व्यक्ति हमेशा दुःखी रहता हैं और उसकी पूरी सम्पति धीरे धीरे नष्ट हो जाती हैं।

Mehnat Ka Fal Ki Kahani 

एक गांव में जमींदार था। उसके पास बहुत सारा धन था। दो सौ बीघा खेत, अनेको गायें, दस – बारह बगीचे और एक बड़ा सा तालाब आदि थे। अनाज से उसका घर भरा रहता था बर्तन भर भर के दूध, दही, घी रहता था।

सौ टोकरी रोज बगीचे से फल आता था। तालाब में अनगिनत मच्छलिया थी। जमींदार के चारों तरफ से धन ही धन आता था। बगल के गांव के लोग भी उससे अनाज, फल, मच्छलिया, आदि लेने आते थे। उसे किसी भी चीज की कमी नहीं थी। उसका जीवन एकदम आराम से चलता था।

जमींदार का एक बेटा था रामप्रसाद। जमींदार  के मरने के बाद काम काज का सारा जिम्मा रामप्रसाद पे ही आ गया। रामप्रसाद को घर बैठे ही सारी सुविधा मिल रही थी तो वह बहुत खुश था।

कुछ दिनों बाद धीरे धीरे उसके धन में कमी होने लगी। अन्न भंडार खाली होने लगी। गायों का दूध कम हो गया। बगीचे से फल मिलने बंद हो गए। तालाब से मच्छलिया गायब होने लगी। अब रामप्रसाद दुःखी और परेशान रहने लगा।

धीरे धीरे उसकी तबियत भी ख़राब होने लगी। उसके तबियत के सुनके उसका हाल पूछने के लिए एक गिरुजी उसके घर आये। रामप्रसाद ने उनका बहुत अच्छे से स्वागत किया और सेवा में कोई कमी नहीं छोड़ा।

लेकिन गुरूजी बिना बताये ही समझ गये की रामप्रसाद ठीक नहीं हैं, वह अंदर ही अंदर बहुत परेशान हैं और उसी के वजह से बीमार भी पड़ा हुआ हैं। फिर भी उन्होंने रामप्रसाद ने पूछा – क्या हुआ रामप्रसाद सब ठीक तो हैं। तुम बहुत उदास लग रहे हो।

तब उसने कहा, की क्या बताऊ गुरूजी कुछ समझ में नहीं आ रहा हैं। मेरा सारा धन दौलत खत्म होते जा रहा हैं। इसी के चिंता से मैं बीमार हो गया हूँ। अब आप ही कुछ उपाय बताइये, जिससे मेरा सारा धन दौलत पहले जैसे हो जाये।

तो गुरूजी ने कहा की तुम चिंता मत करो, सब ठीक हो जायेगा। सबसे पहले तुम मुझे अपना दिनचर्या बताओ। ती रामप्रसाद ने बताया की गुरूजी चिंता के कारण रात में जल्दी नींद नहीं आती हैं इसलिए सुबह देर तक सोता रहता हूँ।

फिर स्नान करता हूँ उसके बाद भोजन और फिर दोपहर में सो जाता हूँ। फिर जब सो कर के उठता हूँ तो शाम के समय अपने मित्रों के साथ बिताता हूँ। फिर रात को जब बिस्तर पर जाता हूँ तो वहीँ चिंता सताने लगती हैं इसलिए मुझे सोते सोते देर हो जाती हैं।

गुरूजी ने पूछा – क्या तुम कभी अपने खेतो में घूमने जाते हों की नहीं। तो उसने बताया की, नहीं गुरूजी मैं कभी नहीं जाता हूँ, मेरा सारा काम मेरे नौकर चाकर करते हैं। गुरूजी समझ गए की अपने कारोबार का देख-भाल न करने के कारण इसकी यह बुरी हालत हुई हैं।

उन्होंने रामप्रसाद से कहा की मेरे पास एक उपाय हैं, यदि तुमसे यह काम हो जायेगा तो तुम्हारी धन दौलत दुबारा वापस आ सकती हैं। रामप्रसाद ने तुरंत हाँ बोल दिया।(Mehnat Ka Fal)

फिर गुरूजी ने कहा – सप्ताह में किसी एक दिन स्वर्ग से एक बहुत सुन्दर अदभुत चिड़िया आती हैं जो सुबह चार बजे तुम्हारे बड़े वाले तालाब के दूसरे किनारे पर बैठती हैं। वह इतनी सुन्दर हैं की उसे देखते ही किसी भी इंसान का सारा दुःख दूर हो जाता हैं और वह सुखी, स्वास्थ और सम्पन हो जाता हैं।

यदि तुम एक बार भी उसका दर्शन कर लोगे तो तुम्हारा सारा दुःख दूर हो जायेगा, और तुम एकदम पहले की तरह स्वस्थ हो जाओगे और तुम्हे कभी भी धन दौलत की कमी नहीं होंगी।

सबसे पहले तुम्हे सुबह उठकर अपने भंडार घर, गौशाला, खेतों, बगीचों को प्रणाम करते हुए तालाब के पास पहुंचना हैं। वहाँ सप्ताह में किसी भी दिन तुम्हे वह स्वर्ग वाली चिड़िया दिखाई दे सकती है। गुरूजी इतना बोलकर अपने घर वापस चले गए।

दूसरे दिन रामप्रसाद सुबह चार बजे उठकर सबसे पहले अपने भंडार घर की ओर गया। वहाँ उसने देखा की उसका एक नौकर चार आदमियों के साथ भंडार घर से चावल कि कुछ बोरियाँ निकाल कर वहाँ खड़ी बैलगाडी पर लाद रहा हैं।

जब वह नौकर रामप्रसाद को देखा तो डर के मारे थर थर कापने लगा और उससे माफ़ी मांगने लगा। रामप्रसाद ने उससे चावल की बोरियों को के लिया और उसे नौकरी से निकाल दिया।

फिर वह बगीचे की ओर गया। वहाँ जाकर देखा की बगीचे की रखवाली करने वाला, अपने पूरे परिवार के साथ टोकरी में फल भर भर कर अपने घर की ओर ले जा रहा हैं। और जब वह अचानक रामप्रसाद को देखा तो उसके होश उड़ गए।

रामप्रसाद ने उसे भी नौकरी से निकाल दिया। आगे जब वह अपने खेतों में पंहुचा तो देखा की उसके ही गांव के कुछ लोग खेतो से अनाज के गट्ठर अपने अपने सर पर लेकर जा रहे हैं। यह कहानी है Mehnat Ka Fal की।

रामप्रसाद ने देखा तो उनलोगों से अपना अनाज के गठर वापस रखावाया और उन्हें एक कड़ी सजा दिया।  इसके बाद वह तालाब के पास पंहुचा। वहाँ कुछ लोग तलाब में जाल डाल कर मच्छलिया पकड़ रहे हैं।

रामप्रसाद को देखते ही वह जाल छोड़कर भाग गए। रामप्रसाद बहुत देर तक वहाँ उस चिड़िया का इंतजार किया लेकिन वह चिड़िया उसे कही नहीं दिखी। फिर वह वापस अपने घर आ गया।

रामप्रसाद अपने पुराने नौकर को निकलकर दूसरे नौकर को काम पर रखा। दूसरे दिन जब वह दुबारा उस अदभुत चिड़िया को देखने निकला तो उसने देखा की भंडार घर के सारे नौकर सो रहे हैं, कोई कुछ काम नहीं कर रहा हैं।

फिर उसने सबको जगाया और अच्छे से काम करने को कहा। इसी तरह सबजगह घूम घूम कर देखा और सबको अच्छे से काम करने को कहा। तीसरे दिन जब वह सुबह बाहर निकला तो देखा की उसके सारे के सारे नौकर बड़ी लगन से काम कर रहे हैं।

कोई भी नौकर आलसी नहीं कर रहा हैं। लेकिन उस दिन भी उसे वह अदभुत चिड़िया दिखाई नहीं दी। अब उसके यहाँ काफ़ी दूध, फल, और अनाज होने लगा था। एक हप्ते के अंदर ही उसके घर स्थिति में काफ़ी सुधार हो गया।

सब हरा भरा हो गया। भंडार घर अनाज से भर गया। गाये अधिक से अधिक दूध देने लगी। खेतों में फसल लहलहाने लगा और तालाब में मछलिया भी दिखाई देने लगी। लेकिन अभी भी वह चिड़िया दिखाई नहीं दी।

एक दिन फिर गुरूजी रामप्रसाद के घर आये। रामप्रसाद ने खुशी खुशी से उनका स्वागत किया। इस बार उसके पर उदासी नहीं बल्कि खुशी दिख रही थी। गुरूजी ने उससे पूछा – कैसे हो रामप्रसाद, सब ठीक चल रहा हैं न। और वह स्वर्ग वाली अदभुत चिड़िया दिखी की नहीं दिखी।

रामप्रसाद ने गुरूजी से कहा – नहीं गुरूजी, आपके कहे अनुसार मैं रोज तालाब के पास जाता था। आज सात दिन हो गए लेकिन अभी तक वह चिड़िया मुझे दिखाई नहीं दी।

तब गुरूजी ने कहा क्या तुम्हे पहले से ज्यादा अनाज, फल और दूध नहीं मिल रहे हैं। रामप्रसाद ने कहा – हाँ गुरूजी, ये तो हैं। ये सब चीजे मुझे पहले से अधिक मात्रा में मिलने लगी हैं।

और अब मुझे कभी भी थकावट नहीं होती हैं बल्कि पहले से और ज्यादा स्फूर्ति आ गई हैं। पर गुरूजी आप मुझे ये बताइये ना की अभी तक मुझे उस अदभुत चिड़िया का दर्शन क्यों नहीं हुए। क्या मैं वहाँ जाने में देर कर देता हूँ क्या?

तब उसे गुरूजी ने बताया की देखो रामप्रसाद मेहनत ही स्वर्ग का अदभुत चिड़िया हैं। मेहनत से ही हमें सुख और समृद्धि प्राप्त होती हैं। अगर तुम इसी तरह मेहनत करते रहोगे तो तुम्हे Mehnat Ka Fal जरूर मिलेगा। और अपने काम धाम पर ज्यादा से ज्यादा ध्यान दोगे तो तुम चारों तरफ से सम्पन रहोगे।

कोई दुःख, बीमारी तुम्हारे पास नहीं आएगी। और सुबह सुबह उठकर सूर्य की पहली किरण लेने से भी तुम्हारा शरीर स्वस्थ रहेगा और ऐसे ही धीरे धीरे तुम्हारे चेहरे पर चमक आ जाएगी।

गुरूजी की कही हुई सारी बात रामप्रसाद को समझ आ गया और वह जान गया की मेहनत करने से ही लक्ष्मी की प्राप्ति होती हैं। उस दिन से वह वैसा ही करने लगा जैसा उसको गुरूजी ने  कहा था। इसलिए कहते हैं की मेहनत का फल हमेशा मीठा होता हैं।

 

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