क्रोध पर विजय – Best Krodh Par Vijay Ki Kahani 2023 – moral stories in hindi

इस पोस्ट में हम आपको क्रोध पर विजय की एक कहानी सुनाएंगे। क्रोध करना हमारे जीवन की बहुत बड़ी भूल है। क्रोध मतलब खुद अपने ही घर को आग लगाना। जैसे – घास के बड़े बड़े गठर किसी के खेत में इकठे किये हो, लेकिन क्रोध आने पर उसे जलने में एक मिनट भी नहीं लगता हैं।

उसी तरह आपके पूरी जिंदगी की कमाई एक बार क्रोध आने पर वह सेकेण्ड भर में मिटटी में मिल जाता है। क्रोध मतलब प्रकट अग्नि। जो लोग क्रोध पर विजय पाते है वो अपने कूढ़ेपन को जीतते है ।

कई बार हम सही होते है लेकिन कोई हमें गलत ठहराए तब क्रोध आ जाता है। जब हमारा अपमान होता है तब क्रोध आ जाता है जब हमारा कुछ नुकसान होता है तब क्रोध आ जाता है।

कहानी: क्रोध पर विजय

एक बहुत ही ज्ञानी संत थे। वह बहुत ही शांत स्वभाव के थे। गुस्सा तो उनके आस पास भी नहीं आता था। इस संत के पास बहुत सारे लोग अपनी दुःख तकलीफ लेके आते थे। और संत सब लोग की तकलीफ दूर कर देते थे।

एक दिन ऐसा हुआ की एक बहुत ही क्रोधी आदमी उनके पास आया और बोला हे बाबा मुझे गुस्सा बहुत आता है और इस गुस्से को  मैं अपने काबू में लाना चाहता हूँ, मै अपने क्रोध पर विजय पाना चाहता हु। अब मेरी इस परेशानी का आप ही कुछ हल निकालिये।

संत बोले – अरे भाई आप तो ऐसे बोल रहे हो की जैसे आपकी तो गुस्से के साथ कोई पुरानी दुश्मनी है। उस आदमी ने बोला – लेकिन मैं क्या करू , गुस्से को दबाने की बहुत कोशिश करता हूँ। पर गुस्सा आ ही जाता है।

संत ने बहुत अच्छी बात कही उस आदमी से की देखो गुस्से को आप अपना सत्रु की तरह समझो। उससे वैसा बर्ताव मत करो जैसे आपका जिगरी दोस्त हैं। वह आदमी बहुत ध्यान लगाकर संत की बाते सुन रहा था। फिर संत बोले यह स्वभाव जन्म से नहीं आता है।

आप पहले गुस्सा करते हो , तोड़ फोड़ करते हो , खुद अपना ही नुकसान करते हो फिर बाद में आपको उसका परिणाम भुगतना पड़ता है। आप ऐसा व्यव्हार करो की उससे आपको कोई लेना देना नहीं है।

जब आपको गुस्सा ए तो मन ही मन में यह बैठा लो की मुझे गुस्सा कभी आता ही नहीं है। मैं गुस्से को अपने अंदर लाऊंगा ही नहीं और मुझे गुस्सा आ ही नहीं सकता।

जब आप अपने मन में ऐसे सोचेंगे तो यही सोच आपके गुस्से को दूर भगाएगा। और आपके गुस्से को नष्ट कर देगा। जब आप अपने गुस्से को काबू में करना सिख गए न तब दुनिया में कोई भी व्यक्ति आपको सफल होने से नहीं रोक सकता।एक सच्चे मन से विचार कर लो अपने आप से ही की मुझे गुस्सा आएगा ही नहीं।

संत ने गुस्से से जितने का मार्ग बताया। फिर संत की कही हुई बात पर उस आदमी ने उसी दिन से थोड़ा थोड़ा अपना गुस्सा कंट्रोल करने में लग गया।

और कुछ महीनो में उस आदमी ने गुस्से को हरा दिया। बाद में वह आदमी संत के जैसा ही शांत रहने लगा। इससे वह जीवन में बहुत ही सफल होता चला गया। और बाद में दुनिया का बहुत ही बड़ा आदमी के दिखाया। फिर वह आदमी बहुत वर्षो बाद उस शांत से मिलने गया और बोला बाबा अपने तो मेरी किस्मत ही पलट डाली मैं आपको अपना गुरु मानता हूँ। मुझे आशीर्वाद दीजिये।

सारांश – दोस्तों rshindi के द्वारा सुनाई गई क्रोध पर विजय की ये कहानी आपको कैसी लगी हमें कमेंट कर के  जरूर बताये।

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