रहस्य ही सुरक्षा है – Best Rahasya Hi Suraksha Hai की कहानी 2023

यह कहानी है रहस्य ही सुरक्षा है (rahasya hi suraksha hai) के बारे में। एक गांव मे मोहन नाम का एक आदमी था। वह अपने गांव मे सबसे ज्यादा अमीर था। उसका एक ही बेटा था भानु।

वह हमेशा बीमार ही रहता था, क्योकि उसके पेट मे एक सांप ने अपना घर बना लिया था। वह हमेशा पेट की दर्द से परेशान रहता था। भानु के पिताजी ने बहुत डॉक्टर से इलाज करवाए लेकिन कोई उसके पेट दर्द का इलाज नहीं कर पाया।

Rahasya Hi Suraksha Hai

वह सांप की वजह से दिन पर दिन कमजोर होता जा रहा था। भानु एक दिन उदास होकर शहर चला गया। वहाँ उसने एक छोटा मोटा काम ढूंढा। उससे जो कुछ थोड़ा बहुत पैसा मिलता था उसी से वह अपना गुजारा करता और रात को एक मंदिर मे सो जाता था।

उसी शहर मे एक बीरेंद्र नाम का अमीर आदमी अपने दो बेटियों के साथ रहता था। बड़ी बेटी का नाम सुशीला और छोटी का नाम ललिता था। उस शहर मे उसके जैसा अमीर कोई नहीं था इसलिए वहाँ बस बीरेंद्र का ही राज चलता था।

वह बहुत ही अहंकारी आदमी था। बिरेंद्र की दोनों बेटी बहुत सुन्दर और सुशील थी। वे दोनों रोज सुबह अपने पिता के पैर छू के आशीर्वाद लेती थी, और अपने दिन की शुरुआत करती थी।

सुशीला अपने पिता के प्रणाम कर के कहती थी-  पिताजी मै आपकी बहुत आभारी हूँ क्योकि आप ही के कृपा से मुझे इस दुनिया के सभी सुख प्राप्त हुए है। बीरेंद्र जब इतना सुनता था तो बहुत ख़ुश हो जाता था लेकिन ललिता अपने पिता को प्रणाम करते समय चुप रहा करती थी।

एक दिन बीरेंद्र ने ललिता से पूछा – बेटी तू प्रणाम करते समय चुप क्यो रहती है। ललिता ने विनम्र भाव से कहा – पिताजी मै उस ईश्वर को मन ही मन मे धन्यवाद देती हूँ जिसकी कृपा से आप मेरे पिताजी है और मै आपकी बेटी।

इतना सुनते ही बीरेंद्र गुस्सा हो गया और बोला – मै कोई ईश्वर को नहीं मानता। ये सब ढोंग है। इतना सारा जो धन दौलत है ओ ईश्वर की कृपा से नहीं मैंने अपने मेहनत से बनाया है।

ललिता ने कहा – पिताजी ईश्वर की कृपा नहीं होती तो आज आप पूरी जिंदगी मेहनत करके जितना भी धन जमा किये है सब बेकार हो जाता।बीरेंद्र बोला – अच्छी बात है जब तुमको अपने ईश्वर पर इतना भरोसा है तो आज देख ही लेते है।

की तुम्हारा ईश्वर तुम्हारे लिए क्या कर सकता हैं। उसने अपने नौकरों से बोला – इस लड़की का विवाह किसी भिखमंगे से करवा दो। ताकि इसकी औकात समझ मे आ जाये।

बीरेंद्र के नौकरो ने ललिता के लिए किसी भिखमंगे की खोज शुरू कर दी। एक दिन नौकरो ने भीखमंगे को खोजते खोजते एक जंगल मे पहुचे। वहाँ एक पेड़ के निचे भानु भूखे प्यासे सोया हुआ था और एक दम भिखमंगे के जैसा दिख रहा था।

बीरेंद्र के नौकरों ने उसको पकड़ लिया और उसके पास ले आये। बीरेंद्र ने अपने छोटी बेटी ललिता का विवाह उसी कर दिया। यह देख कर सुशीला ने उसका मज़ाक उड़ाते हुए बोली व्यर्थ की बाते करके तुमने पिता जी को गुस्सा दिला दिया था।

अब बहुत समय है तू उनसे क्षमा मांग ले। क्या तुझे इतना भी पता नहीं की किसी बड़े या अपने किसी गुरु सम्मान पिता जी की भावनाओं को चोट पहुंचाना सही नहीं है।

ललिता बोली – दुनिया मे किसी से डर कर, या अपने सुख के लालच मे आकर जो व्यक्ति सत्य का साथ देना छोड़ देता है। उनकी ईश्वर भी कोई मदद नहीं करता है और ओ भी नाराज हो जाते है। और पिता जी के लिए मेरे मन में आदर का यह अर्थ नहीं है की मै उनके अहंकार में भी उनका साथ दू। 

अगर मेरे भाग्य मे भीख मांगना ही लिखा है तो उनको कौन रोक सकता है। बीरेंद्र ने ललिता और भानु को कुछ पैसे देकर अपने घर से निकल दिया और बोला तुम अपना मुँह मुझे कभी मत दिखाना।

ललिता ने खुशी खुशी अपने पति के साथ घर से निकल गयी। जंगल की ओर चल पड़ी। चलते चलते थक गए और दोनों को प्यास  भी लग गयी थी। कुछ दूर गए तो रास्ते मे एक उन्हें एक तालाब दिखा और वही पर रुक गए। दोनों वहा पर पानी पिए और आराम करने लगे।

आराम करते करते दोनों वही पर सो गए। जब ललिता नींद से उठी तो उसने देखा की उसका पति एकदम गहरी नींद मे सोया हुआ था और उसके मुँह से एक सांप अपना फन बाहर निकाल कर एक बिल की तरफ देख रहा था।

और उस बिल से दूसरा सांप अपना फन बाहर निकाल पहले वाले सांप को देख रहा था। दोनों सांपो ने एक दूसरे से बहस करना चालू कर दिया। और एक दूसरे का रहस्य बताने लगे। ( rahasya hi suraksha hai )

बिल वाले सांप ने कहा – अरे दुष्ट तू इतने सुन्दर और नादान बालक का जीवन क्यो नष्ट कर रहा है। तू ये नहीं जानता ये कितने अमीर घर का लड़का है, तू इसको इतना कष्ट दे दिया है की ये लड़का मज़बूरी मे अपना घर छोड़ दिया है।

अब तो बंद कर दे अपनी दुष्टता। तभी भानु के मुँह वाले सांप बोला – तूने भी तो अपने बिल के अंदर एक विशाल खजाने को बर्बाद कर रहा है। तुझे तो मैंने कुछ नहीं कहा।

तभी बिल वाला सांप बोला मुझे तो किसी राजा के पूर्वजो द्वारा दिया गया वचन को निभाना है, इसलिए मै इस खजाने का रक्षा कर रहा हूँ। तो मुँह वाला सांप बोला – अरे तू क्या रक्षा करेगा कोई आदमी तेरे बिल मे बस दो बाल्टी गर्म पानी डाल दे, तो तू मर जायेगा और खजाना भी उसका हो जायेगा।

कोई इस रहस्य को नहीं जानता, इसलिए तू अब तक जिन्दा है। फिर बिल वाला सांप बोला – तू भी तो इसी कारण जिन्दा है की मुर्ख की तेरा रहस्य कोई नहीं जानता।

लेकिन जिस दिन किसी को यह पता चल गया की पुरानी चावल और सरसो का काढ़ा बनाकर इस लड़के को गर्म गर्म पिलाने से तू मर जायेगा, उसी दिन तेरी दुष्टता भी ख़तम हो जाएगी।

ललिता यह जानकर अचंभित हो गयी की उसका पति किसी अमीर घर का लड़का है। उसने जल्दी से बगल के गांव मे गयी और गांव वालो से मदद मांगी।

पुरानी चावल और सरसो का काढ़ा और एक बाल्टी गर्म पानी लायी। फिर उनसे उस काढ़ा को अपने पति भानु को पीला दी,और इसके बाद बाल्टी का गर्म पानी उस बिल मे डाल दी।

दोनों सांप तड़पते हुए बाहर निकले और मर गए। और भानु एकदम से ठीक हो गया। वह ललिता को दिल से धन्यवाद दिया और बोला – तुम नहीं होती तो पता नहीं मेरा क्या होता।

ललिता ने खजाने वाली बात भानु को बताई और दोनों ने मिलकर उस जगह को खोदा, तो वहाँ बहुत सोना, चांदी और हीरा निकला। वे दोनों ख़ुश हो गए। और भानु ने वहाँ का पूरा खजाना और अपनी पत्नी ललिता को लेकर अपने गांव खुशी खुशी चला गया।

सारांश: इस rahasya hi suraksha hai की कहानी से हमें ये शिक्षा मिलती है की, हर इंसान को अपनी गुप्त बाते किसी को बतानी नहीं चाहिए। इसलिए कहा गया है की rahasya hi suraksha hai आपलोगो को ये कहानी कैसी लगी हमें comment कर के जरूर बताये।


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