कहते है की उम्मीद पे ही दुनिया कायम है, आखिर ये बात किस हद तक सही है। ( Umeed ki kahani ) बहुत लोग कहते है कि, किसी से कोई उम्मीद नहीं करनी चाहिए। अगर हम ऐसा करे कि हम, किसी से उम्मीद ही न करे तो, हमारे अपने जो हमे हमेशा प्रेरित करते है, तो क्या हम उनसे भी कोई उम्मीद नहीं रखे।
हर किसी के लाइफ में कोई तो होता ही है, जिससे हम उम्मीद कर सकते है। तो मेरे हिसाब से ये बात बिल्कुल सही है की उम्मीद पे ही दुनिया कायम है, अगर ऐसा नहीं होता तो हर इंसान मतलबी हो चुका होता।
उम्मीद एक ऐसा शब्द है, जिससे आशा की किरण मिलती है, जिसने अपने जिंदगी मे, किसी काम को ले के, या कुछ पाने की उम्मीद खो दी, तो समझो वो हार मान चूका है, उम्मीद रखने से हमेशा सकारात्मक विचार आते है।
कई ऐसे भी लोग होते है, जिनके अंदर से उम्मीद की भावना ही टूट चुकी होती है, वो हमेशा नकारात्मक विचारो से घिरे हुए होते है, और जिस इंसान के अंदर नकारत्मक विचार ज़्यदा होते है, वो कभी आगे नहीं बढ़ पाते।
1. घोड़े की उम्मीद ( Umeed ki kahani )
Umeed ki kahani. एक नगर में, एक सेठ रहता था, उसके पास बहुत सारे घोड़े थे, उनमे से एक घोडा जो की बूढ़ा हो गया था, वह एक दिन घास चरते – चरते कुए में गिर गया।
कुवां सूखा होने की वजह से घोडा उसमे फसा रहा और निकलने की बहुत कोसिस करने लगा पर बहार निकलने में असफल रहा।
जब यह बस सेठ को पता चली तो उसने सोचा घोड़ा बहुत बूढ़ा हो चूका है, उसे बहार निकालने से अच्छा है, कि उसे कुए में ही दफ़न कर दिया जाये।
2. उम्मीद नहीं छोड़ना चाहिए
एक नगर में एक बहुत बड़ा व्यपारी रहता था, उसका बहुत बड़ा व्यपार था। धन – दौलत की भरमार थी, किसी चीज की कोई कमी नहीं थी, पर एक दिन ऐसा आया की उसे व्यपार में में घाटा होने लगा, धीरे – धीरे उसके सारे पैसा चले गए घर भी बिक गया।
कर्जो का बोझ इतना बढ़ गया की उसे दो वक्त का खाना भी नसीब नहीं हो पता, इस सब बातो से परेशान हो के उसने अपना जीवन समाप्त करने का फैसला लिया।
फिर उसने पास की नदी में जा के डूबने की सोचा, जैसा ही वो नदी के पास पंहुचा और नदी में कूदने ही वाला था, तभी उसे वहाँ पे एक आदमी दिखाई दिया , आदमी ने व्यपारी से पूछा आप मरना क्यों चाहते हो।
इस पर व्यपारी ने कहा एक समय था, जब मेरा व्यपार बहुत अच्छे से चलता था, तब बहुत पैसा था मेरे पास, किसी चीज की कोई कमी नहीं थी। पर अब व्यपार में मिले नुकसान की वजह से मै कर्जे में डूब चुका हु।
जिंदगी से हार गया मै अब कोई उम्मीद नजर नहीं आती की पहले जैसे दिन मेरे फिर से आएंगे, इसलिए मै अब अपना जीवन समाप्त करना चाहता हूँ।
तब उस आदमी ने बोला की तुमने अपना पैसा खोया है, अब अपनी जिंदगी क्यों खो रहे हो, तुम्हारे अंदर पैसा कमाने का हुनर पहले भी था और आज भी है।
हर दिन एक जैसा नहीं होता कभी खुशी तो कभी गम जरूर आएगा, आज भले तुम कर्ज में हो पर उम्मीद रखो मेरे दोस्त, ये दिन भी जायेंगे और तुम्हारे साथ अच्छा होगा।
उस आदमी की बाते सुन के व्यपारी ने फिर से अपनी उम्मीद जगाई (Umeed ki kahani), और अपने इस उम्मीद से की वो फिर से अमीर बनेगा और ज़्यदा मेहनत करने लगा, और बहुत ही जल्दी वापस अपने व्यपार को मुनाफे में ले आया।
3. चोर की उम्मीद
Umeed ki kahani पे last कहानी है दो चोर की। एक राज्य में दो चोर रहते थे, दोनों को कुछ काम आता नहीं था, वो बस चोरी किया करते थे, वो दोनों रात के समय आस – पास के गांव में जाते और जहा मौका मिलता वहा से चोरी कर के अपने घर ले आते।
इसी तरह उनकी जिंदगी गुजर रही थी, एक रात जब वो चोरी करके अपने घर जा रहे थे तो, उनमे से एक चोर ने कहा, कि यार हम लोग हमेसा छोटी – मोटी चोरी करते है, इससे तो अच्छा है कि, राजमहल में ही एक बार चोरी कर ली जाये, ताकि जिंदगी भर हमे चोरी करने कि जरूरत न पड़े।
दूसरे चोर ने भी हामी भरी, और अगली रात को वो लोग राजमहल में चोरी करने चले गए, वहा राजा के सैनिको ने उन चोरो को पकड़ लिया। राजा ने राजमहल में चोरी करने के जुर्म में उन चोरो को, अगली सुबह जान से मारने का आदेश दे दिया।
दोनों चोर अब सोचने लगे कल सुबह होते ही उन्हें जान से मार दिया जायेगा, मरने के डर से दोनों चोरो को रात भर नींद नहीं आई, उनमे से एक चोर ने सोचा चाहे कुछ भी हो जाये मैं मरना नहीं चाहता, वह बचने की तरकीब सोचने लगा।
अगली सुबह जब उन्हें जान से मरने के लिए लाया गया तो, राजा ने उन चोरो से उनकी आखिरी इच्छा पूछी, तो एक चोर ने कहा महाराज मेरे पास एक मंत्र है, जिससे मैं आपके घोड़े को उड़ना सिखा सकता हु।
बस मुझे एक महीने की मोहलत दे दी जाये,वहाँ उपस्थित सारे लोग हैरान हो गए, राजा ने उन चोरो को मोहलत दे दी, साथ में ये कहा की अगर वो ऐसा कर पाया तो उसे जिन्दा छोड़ दिया जायेगा और नहीं कर पाया तो मौत दे दी जाएगी।
इस तरह दोनों को एक महीने की मोहलत मिल गई, तब उस चोर के दूसरे साथी ने कहा तूने झूठ क्यों बोला, जब कि तुझे पता है राजा हमे मार देगा, इस पर उस चोर ने कहा देख मुझे पूरी उम्मीद है, कि हम बच जायेगे।
अगर मैं झूठ नहीं बोलता तो हम आज पक्का मर जाते, अब कम से कम एक महीना तो समय है हमारे पास। क्या पता इस एक महीने में राजा ही मर जाये, या उसका घोडा मर जाये, या हम ही यहाँ से भाग जाये।
इस कहानी में ये जरुरी नहीं कि वो चोर बचे या नहीं, पर उस चोर ने जिन्दा रहने कि उम्मीद नहीं छोड़ी, उसे पूरा उम्मीद था कि वो लोग बच जायेंगे।
सारांश – दोस्तों आपको Umeed ki kahani कैसी लगाई हमे comment कर के जरूर बताये।
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