आज हम आपको ( Acchi Acchi Kahaniyan ) बच्चों की अच्छी अच्छी कहानियाँ के बारे में बताएंगे। कहानिया जो कि हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण योगदान देती है। हमारे जीवन में कभी भी कठनाईयो का समय आता है, तब हम खुद को अकेला या निसहाय महसूस करते है।
तब प्रेरक कहानी ( inspirational story ) सुन के हमे उनसे उत्साह मिलता है और हम उन सभी कठनाईयो से बहार निकल सकते है। कहानियों में इतनी शक्ति होती है कि हम जब कोई लक्ष्य निर्धारित करते है, और उसे पाने के लिए मेहनत भी करते है।
पर कई बार ऐसा होता है कि किसी कारण वस हमे उस लक्ष्य को पाने में मुश्किल होती है, तो हम जब कोई motivational story सुनते है या पढ़ते है, तो हमारे अंदर उस लक्ष्य को पाने के लिए एक जूनून पैदा होता है। जिससे हम और ज्यादा मेहनत करते है ताकि हम जल्दी से उस लक्ष्य को पा सके।
दोस्तों यहाँ हमने ( Acchi acchi kahaniyan ) बच्चों की अच्छी अच्छी कहानियाँ के बारे में बताया है। जो हमारे जीवन के हर मोड़ लिए उपयोगी है जैसे हमे क्या करना चाहिए, कैसे रहना चाहिए, क्या सोचना है, कब क्या करना है। ये सब लघु कहानिया हमे नई सीख देती है।
Acchi Acchi Kahaniyan
कहानी 1. भगवान पे भरोसा रखे। ( विश्वास )
एक डाक्टर थे जो कि कैंसर के बहुत बड़े विशेषज्ञ थे। उनकी ख्याति बहुत दूर तक फैली थी बहुत दूर – दूर से लोग उसने कैंसर का इलाज करवाने आते थे।
एक बार दूसरे राज्य ने उन्हें सम्मानित करने लिए बुलाया, वो बहुत खुश हुए और वहा जाने के लिए हवाई मार्ग से यात्रा करने लगे।
पर मौसम खराब होने की वजह से जहाज पास के हवाई अड्डे पे उतर गया, और यात्रियों को सूचित किया गया कि मौसम सही होने के बाद ही यात्रा प्रारंभ होगी। पर डॉक्टर साहब को जल्दी पहुंचना था, इसलिए उन्होंने टैक्सी बुक किया और अपने मंजिल की ओर चल दिए।
मगर मौसम और ज़्यदा खराब हो गया बहुत जोर की बरसात होने लगी, साथ ही बिजली भी बहुत तेज चमकने लगी। इस मौसम में गाड़ी चलना ड्राइवर को बहुत मुश्किल था। रात भी ज़्यदा होने लगी थी, तभी उन्हें पास में एक छोटा सा घर दिखाई दिया।
उन्होंने उस घर में ही रात रुकने का फैसला किया। ड्राइवर ने गाड़ी रोकी और उस घर पे पहुंच के वो लोग दरवाजा खटखटाने लगे, तभी अंदर से एक औरत निकली, उस महिला से मदद मांगते हुए उन्होंने रात भर रुकने का आग्रह किया।
महिला ने भी उन्हें बड़े आदर सम्मान से अंदर बैठाया और उनके लिए रात के खाने का इंतजाम किया। महिला के साथ उसके दो बेटे भी रहते थे।
जब खाने का समय हुआ तो, महिला ने आग्रह किया की आप खाना खाने से पहले भगवान को प्रणाम करे। इस पर डॉक्टर बोले मै भगवान को नहीं मानता मै सिर्फ मेहनत पे भरोसा करता हूँ। इसके बाद महिला और उसके बच्चे प्राथना करने लगे।
प्राथना खत्म होने पे डॉक्टर ने महिला से पुछा आप भगवान पे भरोसा करती है। तब महिला ने जवाब दिया, भगवान पे भरोसा तो मुझे बचपन से ही है, मैंने उनसे कभी कुछ नहीं माँगा पर जब से मेरा छोटा बेटा हुआ है मै उनसे हर रोज एक ही दुआ मांगती हूँ।
मेरे छोटे बेटे को कैंसर है। सुना है पास के राज्य में कैंसर के एक बहुत बड़े डॉक्टर है पर मेरे पास इतने भी पैसे नहीं है मै उस राज्य तक जा सकू इलाज तो दूर की बात है।
इसलिए मै हर रोज भगवान से दुआ करती हु कि उन डॉक्टर को हमारे पास भेज दो ताकि मेरे बेटे की जान बच सके, और मुझे भगवान पे पूरा भरोसा है की एक न एक दिन वो कैंसर के डॉ को हमारे पास जरूर भेजेंगे।
इतना सुनते ही डॉक्टर के होश उड़ गए। और उनकी आँखे नम हो गई और उन्होंने बताया कि वो वही डॉक्टर है जिनके लिए आप भगवान से दुआ करती हो, और वो यहाँ तक कैसे पहुंचे इस बात को भी बताया।
शीख – चाहिए कुछ भी हो, कैसी भी परिष्तिथि क्यों न हो हमें खुद पे और ऊपर वाले पे भरोसा रखना चाहिए।
कहानी 2. अवसर की पहचान ( मौका ) Acchi Acchi Kahaniyan
एक गांव में एक लड़का रहता था। वो दूसरे गांव की एक लड़की को पसंद करता था। एक दिन वो उस लड़की के घर गया और लड़की के पिता जी से लड़की का हाँथ मांग लिया।
लड़की के पिता ने कहा शादी तो मै कर दूंगा पर मेरी एक शर्त है, और शर्त ये है की तुम्हे बैल की पूछ पकड़ना है मेरे पास तीन बैल है, मै तुम्हे तीन मौका दूंगा तुम तीनो बैलो में से किसी एक बैल की भी पूँछ पकड़ लोगे तो मैं तुम्हारी शादी अपनी लड़की से करवा दूंगा।
लड़का बहुत खुश हुआ और शर्त के लिए हामी भर दी। किसान उसे अपने खेत ले गया और लड़के को खेत के बाड़े में खड़ा कर दिया, फिर किसान ने बाड़े में बने घर का दरवाजा खोला और एक बैल को लड़के की तरफ छोड़ दिया।
लड़के ने इतना बड़ा बैल पहले नहीं देखा था, डर से उसने सोचा इसे जाने देता हूँ, अभी दो बैल और है उनकी पूँछ पकड़ लूंगा। लड़का बाड़े से बहार निकल गया और बैल उसके पास से हो कर आगे चला गया।
फिर उस किसान ने अपना दूसरा बैल छोड़ा। दूसरा बैल पहले वाले से और बडा और बहुत ज्यादा खतरनाक था। जैसे जैसे ये बैल लड़के की तरफ बढ़ रहा था, वैसे वैसे वो अपने सींघ को इधर उधर घुमा रहा था, ताकि वो लड़के को मार सके।
लड़का इस बार भी बैल की पूँछ को नहीं पकड़ा, और बाड़े से बहार निकल गया। कुछ देर बाद लड़का फिर से बाड़े के अंदर आया और सोचा, मैंने 2 मौके गवा दिया ये Last Option है मेरे पास, अगर मै इसे भी गवां दूंगा तो फिर मेरी शादी मेरे पसंद की लड़की से नहीं हो पायेगी। चाहे कुछ भी हो कितना भी बड़ा बैल क्यों न हो मै इस बार उसकी पूछ जरूर पकडूँगा।
किसान ने अपने तीसरे बैल को छोड़ा तीसरे बैल को देख के लड़का बहुत खुश हुआ क्यों की, वो बैल बहुत ही कमजोर और पतला दुबला था। जैसे ही वो बैल लड़के के पास आने लगा। लड़के ने पूँछ पकड़ने की तैयारी की पर बैल के पास आते ही उसने देखा, बैल की तो पूँछ ही नहीं थी।
शीख – जिंदगी में बहुत से मौके मिलते है, जिसमे कुछ आसान और कुछ कठिन होते है। पर हम हमेशा आसान मौके की तलाश में रहते है। इसलिए हमें जब भी मौका मिले उसे पाने के लिए पूरी कोशिश करना चाहिए।
कहानी 3. राजा द्वारा ली गई परीछा ( ईमानदारी ) Acchi Acchi Kahaniyan
एक बुजुर्ग के पास तीन झोले थे। वो तीनो झोलो को एक साथ ले के चलने में असमर्थ था। इस लिए वो मजदूर की तलाश में था, तभी उसे एक नौजवान लड़का दिखा। बुजुर्ग आदमी ने नौजवान लड़के से कहा बेटा मेरा ये झोला थोड़ा भारी है क्या तुम इसे दूसरे गांव तक पहुंचाने में मेरी मदद करोगे इसके बदले मै तुम्हे पैसे दे दूंगा।
इस पर नौजवान ने कहा, आप पैसे नहीं भी दोगे तब भी मैं पहुँचा दूंगा, आपकी उम्र देख के आपकी मदद करना मेरा फर्ज है। बुर्जुग ने एक झोला लड़के को दे दिया, लड़के ने उस झोले को उठाया और बोला ये तो भारी है, बुजुर्ग ने कहा है हाँ इसमें सिक्के रखे हुए है इसलिए।
फिर दोनों अपने रस्ते चल दिए। कुछ दूर चलने के बाद बुर्जुग बोला, मुझे दोनों झोला ले के चलने में दिक्क्त हो रही है पर मै ये झोला तुम्हे नहीं दे सकता क्यों की इसमें चाँदी के सिक्के है।
इस पर लड़के ने कहा, क्या आपको मै चोर दिखता हु। जो मै आपका झोला चोरी कर के भाग जाऊंगा। आप मुझे इसके बदले कुछ पैसे दे देना और झोला मुझे दे दो। बुर्जुग ने दूसरा झोला भी उसे दे दिया। फिर रास्ते में पहाड़ आ गया।
जिसपे झोला ले के बुजुर्ग के लिए चढ़ना बहुत मुश्किल हो रहा था, तब लड़के ने बुर्जुग से कहा आप तीसरा झोला भी मुझे दे दो पहाड़ चढ़ने के बाद आप वापस ले लेना। इसपे बुर्जुग ने मना कर दिया नहीं मै ये झोला नहीं दे सकता क्यों की इसमें तो सोने के सिक्के है।
लड़के ने कहा आपको मुझपे भरोसा नहीं है क्या। अगर मुझे भागना ही होता तो कबका भाग गया होता, फिर उस बुजुर्ग ने तीनो झोला लड़के को दे दिया। लड़का तीनो झोला ले के पहाड़ पे चढ़ गया और बुजुर्ग धीरे धीरे चढ़ते हुए अभी भी पहाड़ के नीचे ही था।
ये देख के लड़के के मन में लालच आने लगा की इतना सारा पैसा ले के भाग जाना चाहिए वो बुड्ढा अभी भी नीचे ही है, उसे ऊपर आने में बहुत समय लगेगा मुझे वो पकड़ भी नहीं सकता। और अगर मैं नहीं भागता हु तो ये बहुत बड़ी मूर्खता होगी।
किस्मत से मुझे ये मिला है, ये सब सोच के लड़के के मन में पाप जग गया, और वो वहा से तीनो झोला ले के भाग गया।
जब घर पहुंच के उसने झोला खोला तो उसमे मिट्टी के सिक्के थे, और एक कागज का टुकड़ा मिला जिसपे लिखा हुआ था, शाबाश बेटा तुमने बहुत अच्छा काम किया। ये परीक्षा बस राजमहल की संपत्ति की रक्षा के लिए, ईमानदार व्यक्ति की तलाश के लिए ली गई है।
अगर तुम भागे नहीं होते तो आज तुम्हारी जिंदगी बदल जाती। तुम इसमें बहुत अच्छे से पास हो गए हो अब घर में ही बैठो और मजे करो। वो बुजुर्ग आदमी कोई और नहीं बल्कि राजा थे।
शीख – दोस्तों कहानी से ये सीख मिलती है की, चाहे कुछ भी पराये धन पे कभी भी लालच नहीं करना चाहिए। हमे हमेशा अपने कर्तव्यों को बहुत ईमानदारी से निभाना चाहिए। Acchi Acchi Kahaniyan
कहानी 4. लड़की की चतुराई ( अलग सोच )
एक गाँव में एक जमीनदार रहता था। वो थोड़े थोड़े पैसे दे के गाँव वालो पे ज्यादा कर्जा लगा के उनकी जमीने अपने नाम कर लेता था। उसी गांव में एक सोहन नाम का गरीब किसान रहता था।
उसकी एक बहुत सुंदर लड़की थी। सोहन को भी उस जमींदार ने कर्ज दे रखा था, जमींदार चाहता था की उसके लड़के की शादी सोहन की लड़की से हो जाये, पर सोहन और उसके घर वाले इस बात के लिए राजी नहीं थे, क्यों की लड़का दिमाग से थोड़ा पागल था।
जमींदार पीछे पड चुका था, या तो शादी करो या फिर अपनी जमीन उसे दे दो। बात पंचायत तक पहुंच गई, मगर सोहन कर क्या सकता था।
इस पर जमींदार ने बोला ठीक है मेरी एक शर्त है। मै दो बैग में, एक अंदर एक काला और एक के अंदर सफ़ेद कंकड़ डालूंगा। अगर आपकी लड़की काला कंकड़ बैग से निकालेगी तो उसकी शादी मेरे लड़के से होगी, अगर सफ़ेद कंकड़ निकालेगी तो आपका कर्जा माफ़ हो जायेगा। कोई और रास्ता नहीं था इसलिए सबने हा कर दी।
सारे लोग उस खेत पे पहुंचे जहा बहुत से कंकड़ थे। जमींदार ने दो काले रंग के कंकड़ उठाये और बैग में डाल दिए जिससे उसकी जीत हो सके। ऐसा करते हुए उसे सोहन की लड़की ने देख लिया।
उसने सोचा ये बात सभी पंचायत वाले लोगो को बता दे पर उसके मन में कुछ ख्याल आया और उसने सोचा इतना अच्छा मौका वो अपने हाथ से जाने नहीं देगी। तब सबने कहा चलो बेटी किसी एक बैग में से कंकड़ निकालो लड़की ने एक बैग से कंकड़ निकला, और बड़े सावधानी से किसी को दिखाए बिना ही उसे खेत में गिरा दिया और वो कंकड़ बाकि सारे कंकड़ के साथ मिल गया।
तब लड़की से सबसे माफ़ी मांगी और कहा दूसरे बैग के कंकड़ का रंग देख लो, यदि वो सफ़ेद हुआ तो मैंने काला कंकड़ निकला था। यदि कला हुआ तो सफ़ेद। इस प्रकार लड़की ने बड़े ही समझदारी से अपने पापा के कर्जे माफ़ करवा दिए और शादी करने से भी बच गई।
शीख – हमेसा ये जरुरी नहीं की जो सामने दीखता है उसी रास्ते चल के मुसीबत का सामना करे। कई बार हमें अलग नजरियो अपनाकर मुसीबत से बड़े आराम से बचा जा सकता है।
कहानी 5. किसान की समस्या ( मेहनत ) Acchi Acchi Kahaniyan
एक किसान जो की बहुत ज्यादा आलसी था। दिन भर बस घर में पड़े रहता ना कुछ काम करता न ही किसी की बात सुनता सिर्फ दिन भर सोचते रहता की कास मुझे बहुत सारा धन मिल जाये और मेहनत भी न करना पड़े।
उसकी पत्नी ये सब से बहुत परेशान को गई थी, इधर-उधर से बेचारी कुछ काम कर के घर का खर्चा चलाती। एक बार उस गांव में एक बहुत बड़े महात्मा जी आये, किसान की पत्नी ने किसान को उन महात्मा के पास भेजा।
किसान ने महात्मा को अपनी बात बताई की मै मेहनत नहीं करना चाहता हु, आप कुछ ऐसा उपाय बताईये की मेरे पास बहुत सारा धन आ जाये। महात्मा जी ने कहा ये तो बहुत छोटी सी बात तुम्हारा जो खेत है उसमे बहुत सारा धन गड़ा हुआ है इतना सुनते ही।
जो इंसान कभी कुछ नहीं करता था वो धन मिलने की खुशी में पूरा खेत खोद दिया। पर उसे वहाँ कुछ नहीं मिला। गुस्से में किसान दूसरे दिन महात्मा जी के पास पंहुचा और बोला आप झूठे हो, मैंने पूरा खेत खोद दिया पर मुझे तो वह कुछ नहीं मिला।
इस पर महात्मा जी ने कहा बेटा तुमने मेरी पूरी बात नहीं सुनी थी, बस धन पाने के लालच में तुरतं चले गए। अब पूरी बात सुनो जो तुमने खेतो की खुदाई की है उसमे बीज बो दो। और उनकी अच्छे से मेहनत कर के देख -भाल करना फिर उससे जो फसल होगी, उनकी बालियों से जो बीज निकलेंगे वो सोने के होंगे।
किसान बहुत खुश हुआ उसने पूरी मेहनत लगा के दिन-रात फसल की सेवा की। अब फसल काटने के लिए पूरी तैयार हो चुकी थी। किसान ने सोचा चलो देखता हु की इनकी बालियों में सोना है क्या ? पर ये क्या उसमे तो जो बीज किसान ने बोया था वही उत्पन्न हुआ। किसान अब बहुत गुस्से में महात्मा जी के पास पंहुचा और बोला मुझसे आप झूठ क्यों बोल रहे है।
फसल में से तो सोना निकला ही नहीं। तब महात्मा ने कहा अगर तुमने पूरी मेहनत से फसल की सेवा की है तो उसमे सोना अवश्य निकला होगा चलो मुझे अपनी फसल दिखाओ।
किसान महात्मा जी को अपने खेतो में ले गया, वहा जा के महात्मा जी ने देखा बहुत ही अच्छी फसल हुई है। तब किसान ने एक बाली को खोलते हुए बोला देखो इसमें सोना कहा है ये तो बस बीज है। महात्मा जी मुस्कुराये और बोले बेटा तुझे अब भी समझ नहीं आया क्या ? ये जो तूने इतनी मेहनत कर के फसल तैयार की है इनकी कीमत तो सोने से कही ज्यादा है।
इनसे तू सोना चांदी कुछ भी खरीद सकता है। ये तेरे परिवार को कभी भूखे मरने नहीं देगी। इससे अच्छा धन भी किसी के पास है क्या दुनिया में और ये सब तेरी मेहनत का नतीजा है। किसान को अपनी भूल समझ में आ गई और वो उस दिन से मेहनत से काम करने लगा।
शीख – जिंदगी में पैसे पाने का कोई shortcut तरीका नहीं होता। अगर shortcut तरीके से पैसा आ भी गया तो वो ज्यादा दिन नहीं चलता। इसलिए मेहनत से कमाया गया धन ही सर्वोत्तम है। मेहनत से ही इंसान बड़ी से बड़ी उपलब्धिया पा सकता है
कहानी 6. ब्रम्हा जी के थैले।
हमारे इस संसार की रचना ब्रम्हा जी ने की है। एक बार ब्रम्हा जी ने मनुष्य को अपने पास बुलाया और उससे पुछा – ” तुम क्या चाहते हो ” मनुस्य ने कहा मै आगे बढ़ना चाहता हु, सुख शांति चाहता हु। और मै चाहता हु सारे लोग मेरी तारीफ करे।
ब्रम्हा जी ने मनुष्य को दो थैले दिए। और बोले – इनमे से एक थैले में तुम्हारे पड़ोसी की बुराइयां भरी हुई है। इस थैले को तुम पीठ पे लटका लो। इस थैले को हमेशा बंद ही रखना। न खुद देखना, ना ही दुसरो को दिखाना।
दूसरे थैले में तुम्हारी बुराई भरी हुई है। इसे तुम सामने की तरफ लटका लो और बार – बार खोल के देखा करना। फिर मनुष्य ने दोनों थैले उठा लिया। लेकिन उससे एक भूल हो गई।
उसने अपनी बुराइयों का थैला पीठ पर लटका लिया, और उसका मुँह कस के बांध दिया ताकि उसे कभी देख ना पाए। जब की पडोसी की बुराइयों का थैला सामने लटका लिया।
वह उस थैले को खुद देखता और दुसरो की भी दिखता था। जब वो बार बार पडोसी की बुराई दुसरो को दीखता तो, लोग बार बार ये देख के इसे ही बुरा कहने लगे की ये हमेसा पडोसी की बुराई ही दिखता है।
नतीजा ये हुआ की उसने जो वरदान मांगे थे वो उलटे पढ़ गए। वो चाहता था लोग उसकी तारीफ करे पर अब सब उसकी ही बुराई करते। वो सुख शांति चाहता था। पर दुसरो से तारीफ ना मिलने की वजह से उसे दुःख और अशांति मिलने लगी।
शीख – इस कहानी से हमें ये शीख मिलती है की हमें, दुसरो की कमी देखना बंद कर के, खुद की कमिया देखनी चाहिए। जिससे हम उस कमियों की सुधार कर के, अपने जीवन में उन्नति कर सके। ताकि हमे सुख शांति तथा प्रशंसा मिले।
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